पागल हो गया हूँ
इन तन्हा अंधियारों में
चिल्ला रही है ये रूह
अनजान गलिआरों में
तू है कहाँ ए जिंदगी
जा छिपी है किस कोने में
अब और नहीं सहा जाता
आता मजा नहीं कुछ रोने में
अगर तू है नहीं मेरी
तो क़त्ल कर दे तू इस बेईमानी को
जिंदगी तो है नहीं ये
बस देना आग बची, इस पेशानी को
आरजुएं थी मेरी बहुत सी
तमन्नाएं अंगडाईयां लेती थी
सपने रुपहले पन्नो पे
यादें जब खुशियाँ देती थी
बस राख बची है अब
बिलखती सांसे भर बची है अब
ऐ मौला लेले इन्हें भी तू,
मौत की आरजू भर बची है अब
और तो क्या दूँ तुझे, देने को
इस पागलपन के सिवा कुछ न रहा
आसमान भी लाल है मेरा
रंग जिंदगी का, अब मेरा न रहा
लाल जिंदगी है, लाल मेरी जमीन
रंग जिंदगी का, अब मेरा न रहा
इन तन्हा अंधियारों में
चिल्ला रही है ये रूह
अनजान गलिआरों में
तू है कहाँ ए जिंदगी
जा छिपी है किस कोने में
अब और नहीं सहा जाता
आता मजा नहीं कुछ रोने में
अगर तू है नहीं मेरी
तो क़त्ल कर दे तू इस बेईमानी को
जिंदगी तो है नहीं ये
बस देना आग बची, इस पेशानी को
आरजुएं थी मेरी बहुत सी
तमन्नाएं अंगडाईयां लेती थी
सपने रुपहले पन्नो पे
यादें जब खुशियाँ देती थी
बस राख बची है अब
बिलखती सांसे भर बची है अब
ऐ मौला लेले इन्हें भी तू,
मौत की आरजू भर बची है अब
और तो क्या दूँ तुझे, देने को
इस पागलपन के सिवा कुछ न रहा
आसमान भी लाल है मेरा
रंग जिंदगी का, अब मेरा न रहा
लाल जिंदगी है, लाल मेरी जमीन
रंग जिंदगी का, अब मेरा न रहा